रूण फखरुद्दीन खोखर
नागौर क्षेत्र भैड़ बकरी पालन के लिए उपयुक्त
रूण-गुरुवार को कृषि विज्ञान केंद्र अठियासन (नागौर)पर सात दिवसीय भेड़ एवं बकरी पालन प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन हुआ। कृषि विश्वविद्यालय जोधपुर के कुलपति प्रोफेसर बी आर चौधरी कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रहे। डॉ महेश कुमार मीणा, संयुक्त निदेशक पशुपालन विभाग नागौर विशिष्ट अतिथि थे।
कार्यक्रम में केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ एस के बैरवा ने अतिथियों का स्वागत अभिनंदन किया तथा बताया कि यह क्षेत्र भेड़ एवं बकरी पालन के लिए उपयुक्त है। प्रतिभागियों को पशुपालन की ओर अग्रसर होने का संदेश दिया। मुख्य अतिथि प्रोफेसर बी.आर. चौधरी ने इस अवसर पर किसानों व प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए बताया कि जलवायु परिवर्तन एवं जल की कमी को देखते हुए कृषि के साथ-साथ पशुपालन रोजगार का एक प्रमुख व्यवसाय है। प्रोफेसर चौधरी ने कहा कि इस क्षेत्र में सफेद चंदन की खेती की जा सकती है।
जलवायु परिवर्तन के कारण बेर की कटाई छटाई के समय में विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है। साथ ही किसानों को चिया की खेती के लिए प्रोत्साहित किया तथा सभी अभिभावकों को अपने बच्चों को कृषि विषय की पढ़ाई में अध्ययन करने के लिए प्रोत्साहित किया। किसानों को अधिक से अधिक कृषि विज्ञान केंद्र से जुड़ने एवं कृषि उत्पादों के मूल्य संवर्धन कर व्यवसाय स्थापित करने के लिए प्रेरित किया। इस अवसर पर प्रोफेसर चौधरी ने प्रतिभागियों के द्वारा पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दिए तथा पौध रोपण से संबंधी जानकारी साझा की। कुलपति ने केंद्र पर खरगोश पालन इकाई का शुभारंभ किया। डॉ. महेश कुमार मीणा ने प्रतिभागियों को राष्ट्रीय पशुधन मिशन के अंतर्गत स्कीम का लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया। केंद्र के पशुपालन विशेषज्ञ बुधराम ने 7 दिन तक संचालित इस प्रशिक्षण में हुई विभिन्न गतिविधियों के बारे में विस्तृत से जानकारी दी। बागवानी विशेषज्ञ कल्पना चौधरी ने कार्यक्रम का संचालन किया तथा अंत में गृह विज्ञान विशेषज्ञ भावना शर्मा ने सभी को धन्यवाद दिया।