बाल विवाह के प्रति किया जागरूक


मकराना (मोहम्मद शहजाद)। राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मेड़ता व आशा चौधरी अध्यक्ष ताल्लुका विधिक सेवा समिति ए डी जे मकराना के निर्देशानुसार बाल विवाह प्रतिषेध अभियान के तहत पेनल अधिवक्ता तलत हुसैन हनीफी ने राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय मकराना में समाज सेवा शिविर के दौरान विधिक साक्षरता शिविर आयोजित किया गया,

जिसमें पेनल अधिवक्ता हनीफी ने आमजन व विधार्थियों को कहा कि अक्षय तृतीया व पीपल पूर्णिमा के सावों में होने वाले बाल विवाह को रोकने के लिए विशेष अभियान चल रहा है। अगर शादी करने वाली लड़की की उम्र 18 साल से कम हो, या लड़के की उम्र 21 साल से कम हो वह बाल विवाह कहलाएगा। जो भी बाल विवाह सम्पन्न करे या कराये जैसे पंडित, मौलवी, माता पिता, रिश्तेदार, दोस्त इत्यादि उसे दो साल तक की कड़ी सजा या एक लाख रुपए का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।

बाल विवाह बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य और सरक्षंण पर नकारात्मक प्रभाव ड़ालता है। बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के उल्लंघन की दशा में अधिनियम की धारा 4, 5 एवं 3 के अनुसार कार्यवाही करनी होती है। इस अवसर पर सुश्री आशा चौधरी ए डी जे ने कहा कि बाल विवाह सामाजिक अपराध है तथा बाल विवाह कानून में मनाही है, इसके बावजूद भी कोई करता है या करवाता है तो वो अपराध का भागी होगा। भारत में बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 के मुताबिक शादी के लिए एक लड़की की उम्र 18 साल और लड़के की उम्र 21 साल होनी चाहिए। इस अवसर पर एडवोकेट अनवर मालावत, विधालय के संस्थापक नवरतन देव, व्याख्याता रामदेव पारीक, गिरधारी परिहार, धन्नाराम जोड़ सहित विधार्थी उपस्थित थे।

Aapno City News
Author: Aapno City News

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