मकराना (मोहम्मद शहजाद)। निश्चय से आत्म स्वरूप का ग्रहण करते हुए मोह, राग तथा व्देष भावों का परित्याग करते हुए जो अपने धन को पर (दूसरों) कल्याण में लगा देने वाले से बढकर कोई उत्तम त्याग धारी नही हो सकता।
यह बात रविवार को अंकित भैया ने मंगलाना रोड पर वसुंधरा नगर स्थित भगवान चंद्रप्रभु दिगंबर जैन मंदिर में चल रहे दशलक्षण पर्व पर आयोजित धर्म सभा को संबोधित करते हुए कही।उनका कहना था कि त्याग तो सभी का किया जा सकता है लेकिन दान कुछ का ही, बिना धन के श्रावक का जीना व्यर्थ है।
इससे पहले मंदिर परिसर में कई धार्मिक कार्यक्रम संपादित हुए। वसुंधरा नगर विकास समिति अध्यक्ष सुनील जैन के अनुसार प्रातः काल प्रभात फेरी निकाली गई वही शांति धारा, अभिषेक, भगवान चंद्रप्रभु की पूजा, णमोकार महामंत्र पूजन, सोलह कारण पूजन तथा दशलक्षण पूजन किया गया। पवन बज, ज्ञानचंद लुहाड़िया, हरीश पाटनी, सुनील पहाड़िया, नितेश पहाड़िया तथा नवीन शाहबाज द्वारा दीप प्रज्वल के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां दी गई। जिसमें निधि कठेरिया तथा चेलसी महेतिया ने मंगलाचरण किया। दोपहर को महिला मंडल द्वारा सामूहिक रूप से सामयिक पाठ, प्रतिक्रमण किया गया।
जिसमें मैना देवी पहाड़िया, सुशीला गोधा, तिलका देवी, सोहनी देवी, प्रभा लता, मनीषा, आरती, अंजू, आशा, किरण, प्रेमलता, सरिता, वंदना, मनु, प्राची, निधि, इंदिरा, साक्षी, उषा, संगीता आदि शामिल रही। इसी तरह शहर के सदर बाजार स्थित दिगंबर जैन मंदिर, आनंद नगर स्थित पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर, महावीर दिगंबर जैन मंदिर में भी दशलक्षण पर्व पर प्रतिदिन धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।