मकराना (मोहम्मद शहजाद)। राजस्थान राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग कार्यालय जयपुर मे ओबीसी की अति पिछड़ी जातियों की सुनवाई मे सैनी माली कुशवाह शाक्य आरक्षण संघर्ष समिति, नैशनल जनमंडल पार्टी, मूल ओबीसी संघर्ष समित, श्री अखिल रावणा राजपूत सेवा संस्थान सहित कई संगठनों ने राजस्थान मे ओबीसी आरक्षण की पूर्ण समीक्षा करने,
अति एवं अत्यन्त पिछडी जातियों को अलग आरक्षण देने, केन्द्र की तर्ज पर राजस्थान मे भी ओबीसी आरक्षण को 21 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत करने और ओबीसी आरक्षण के उपवर्गीकरण की मांग की। बुधवार को नागौर, डीडवाना-कुचामन और अन्य जिलों से जयपुर पहुंचे नैशनल जनमंडल पार्टी व मूल ओबीसी संघर्ष समिति के नेताओं ने दौलत राम पैंसिया के नेतृत्व में राजस्थान राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष को ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में रावणा राजपूत, माली, सैनी शाक्य, कुशवाह, कुमावत, कुम्हार-प्रजापति, स्वामी, वैष्णव, नाई, दर्जी, घांची, तेली, कसाई समेत कई अत्यंत पिछड़ी जातियों को ओबीसी से अलग कर “अत्यंत पिछड़ा वर्ग” बनाकर पृथक आरक्षण देने की मांग की गई। प्रतिनिधियों ने वर्मा आयोग की 2001 की रिपोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के इंद्रा साहनी मामले का हवाला देते हुए ओबीसी आरक्षण का आंतरिक विभाजन लागू करने की अपील की। साथ ही, सरकार से पिछड़े वर्गों को न्याय दिलाने और सामाजिक असमानता को दूर करने के लिए ठोस कदम उठाने का अनुरोध किया। मुरारी लाल सैनी, रणवीर सिंह बिरलोका (रावणा) सहित कई प्रतिनिधियों ने आयोग के सामने अपना पक्ष रखा। इसके पश्चात प्रेस से चर्चा करते हुऐ दौलत राम पेन्सिया ने मूल ओबीसी अधिकारो के लिए जल्दी बड़े आंदोलन की बात कही। इस मौके सीपी सैनी, रणवीर सिंह बिरलोका, गणपत राम कुम्हार, सुरेश कुमावत मकराना, नवीन सैनी, शिवदयाल कुमावत, लालाराम कुम्हार, नरेश सैन, डी. के. कुशवाहा, श्रीराम सैनी, शेर सिंह कुशवाहा, प्रहलाद प्रजापत, सत्यनारायण कुमावत, तुलसीराम कुमावत, प्रहलाद कुमावत, मनोज कुमार आदि मौजूद थे।