लक्ष्मणगढ़ सैनी समाज के इतिहास में बनाया कीर्तिमान, कायम किया रिकॉर्ड व रचा इतिहास
*पत्रकार बाबूलाल सैनी*
लक्ष्मणगढ़ 8 जनवरी। अभावों में रहकर व संघर्षों से जुझते हुए रिकॉर्ड कायम करने वाले व कीर्तिमान स्थापित कर इतिहास रचने वाले विरले ही होते हैं। ऐसी ही एक शख्सियत हैं स्वर्गीयश्री हनुमान मिटावा के बड़े बेटे यहां के सदाबहार मौहल्ला वार्ड 36 निवासी जयपुर प्रवासी 69 वर्षीय वैजनाथ मिटावा जिन्होंने लक्ष्मणगढ़ सैनी समाज में कीर्तिमान स्थापित करते हुए पहले कंपनी सैक्रेटरी बनने का गौरव हासिल कर रिकॉर्ड कायम करते हुए इतिहास रचा है।
बचपन से कुशाग्र बुद्धि के घनी मिटावा अपनी कक्षा में हमेशा अव्वल रहे। प्रारम्भिक शिक्षा से लेकर बोर्ड परीक्षा तक की पढ़ाई में अव्वल रहने वाले वैजनाथ मिटावा को 10वीं बोर्ड परीक्षा के बाद सरकार से छात्रवृत्ति मिली । हायर सेकंडरी तक की परीक्षा उच्च अंकों से उत्तीर्ण करने के बाद कामर्स कालेज जयपुर में एडमिशन लिया तथा 1977 में वाणिज्य स्नातक बने । इसी दौरान जयपुर में 1977 में सरकारी नौकरी जयपुर टेलिकॉम मे मिली जहां नौकरी करने लगें और कंपनी सेक्रेटरी परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी । इसी दौरान 1978 में एक बार फिर सरकारी नौकरी का आफर आया तो जयपुर महालेखाकार कार्यालय में आडिटर बन गये परन्तु सीएस परीक्षा देते रहे । मई 1982 में कंपनी सेक्रेटरी फाइनल उत्तीर्ण किया । दिसंबर 1982 में सीएजी की सरकारी नौकरी छोड़ कर प्राइवेट सेक्टर में कंपनी सेक्रेटरी व फाइनेंस हैड बन गये। उसके बाद प्राइवेट सेक्टर में ही 2015 तक सीमेंट कंपनी, टेलिकॉम,सुगर मिल,पोट्री क्रोकरी मैन्युफैक्चरिंग कंपनी में राजस्थान, यूपी, बिहार, दिल्ली, एमपी राज्यों में अपनी सेवाएं दी। वर्तमान में कंपनी सेक्रेटरी के रूप में जयपुर में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
लक्ष्मणगढ़ सैनी समाज के पहले कंपनी सेक्रेटरी बनने का रिकॉर्ड कायम करने वाले मिटावा लक्ष्मणगढ़ में निर्माणाधीन महात्मा ज्योतिबा फुले छात्रावास से जुड़कर आर्थिक सहयोग प्रदान किया है वही विभिन्न सामाजिक संस्थाओं से जुड़कर सामाजिक क्षेत्र में भी अपनी अहम व महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। मिटावा सिविल राइट्स सोसायटी और झोटवाड़ा पुलिस थाना में सीएलजी के सदस्य हैं। समाज में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए हमेशा आगे होकर मदद कर जुड़ने को तैयार रहते है।