फखरुद्दीन खोखर रूण
मीठा पानी नहीं होने की वजह से हो रही है रोपाई कम*
रूण (नागौर) -पंचायत समिति मूंडवा के गांव रूण खजवाना, ग्वालू, भटनोखा, इंदोकली,धवा, असावरी, ओलादन ,देसवाल और नोखा चांदावता सहित क्षेत्र के काफी गांवों के किसान इन दिनों प्याज की रोपाई में व्यस्त हो गए हैं। किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने वाली इस फसल के लिए किसान अपने खेत में कुछ जमीन खाली भी रखते हैं और इस फसल का रोप अपने कृषि फार्म पर ही तैयार करते हैं ,
हालांकि इन गांवो में काफी किसानों के ट्यूबवेलों में
पानी मीठा नहीं होने की वजह से प्याज की रोपाई नहीं कर पा रहे हैं और जिनके ट्यूबवेल में मीठा पानी उपलब्ध है वो किसान इन दिनों प्याज की रोपाई में व्यस्त है। रूण के किसान नूरमोहम्मद राठौड़,आसूराम खोत, जबार सिलावट ,चैनमल सेवक ने बताया कि प्याज की फसल की अच्छी पैदावार मीठे पानी से ही होती है, इसीलिए इस क्षेत्र में काफी किसान अब भी प्याज की फसल को प्राथमिकता दे रहे हैं,
इन्होंने बताया कि रूण क्षेत्र के गांवो के प्याज तैयार होने पर इसकी मांग दिल्ली, कोलकाता, सिलीगुड़ी, मुंबई सहित असम तक मांग रहती है यहां की तीन पती प्याज की वैरायटी टिकाऊ होती है यह स्वादिष्ट और मीठा होता है और ज्यादा दिन तक स्टॉक भी रख सकते हैं और ऐसे प्याज के खरीददार इस क्षेत्र में आकर राजस्थान से बाहर बेचने के लिए लेकर जाते हैं। चिताणी के किसान सुखराम सारण, श्रीकिशन रॉयल ने बताया मेथी की फसल और प्याज की फसल में मीठा पानी होने पर ही अच्छी फसल की पैदावार होती है लेकिन लगभग हर जगह फ्लोराइड की मात्रा पानी में ज्यादा होने की वजह से अब पैदावार भी कम होने लगी है। किसानों ने बताया कि इन दिनों प्याज की रोपाई के लिए मजदूरों की मांग भी बढ़ गई है।
*इनका कहना है*
प्याज की फसल रोपाई के लिए जनवरी का पहला सप्ताह उपयुक्त है, इससे पहले खेत को समतल, सुखा, मुलायम करने के साथ-साथ देसी खाद डालना चाहिए और किसानों को जैविक खेती और खाद को बढ़ावा देने के साथ-साथ समय पर कीटनाशक दवाइयों का छिड़काव और सिंचाई भी करना चाहिए।