

राजकीय विद्यालय में पढ़ाई करने वाली संजू प्रजापत ने अपनी मेहनत और जुनून से 12 वी बोर्ड में कला वर्ग में 91 प्रतिशत अंक हासिल करके अपने माता-पिता और समाज का नाम रोशन किया है।
संजू के पिताजी राजुराम नाराणिया ने मेहनत मजदूरी करके अपनी बेटी को पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित किया। संजू ने पढ़ाई के साथ-साथ घर के काम और सिलाई का कार्य भी किया। उनकी मेहनत और लगन ने उन्हें सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचाया।
संजू के नानाजी चोलाराम लाडणवा (Ret.Dy.Commdt.) गगाणी अपनी दोहिती नातिन के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हैं। वह अपनी बेटी और दामाद की मेहनत और संघर्ष की कहानी को गर्व से साझा करते हैं।
संजू की कहानी बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान की सच्ची मिसाल है। उनकी सफलता ने साबित किया है कि बेटियां किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। संजू की कहानी अन्य बेटियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
संजू आगे चलकर अपने सपनों को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करना जारी रखेंगी। उनकी सफलता की कहानी निश्चित रूप से अन्य लोगों को प्रेरित करेगी।


Author: Aapno City News
