
फुलेरा (दामोदर कुमावत) कस्बे के श्रीरामनगर स्थित दादू आश्रम पर श्री चातुर्मास सत्संग ज्ञान यज्ञ जारी समारोह में शनिवार को श्रीमद् दादू वाणी एवं भक्तमाल कथा के दौरान बड़ी संख्या में पधारे नर नारी श्रद्धालुओं को आश्रम महंत संगीताचार्य संत रामप्रकाश स्वामी ने प्रवचन के दौरान बताया कि” ज्ञान, भक्ति, वैराज्ञ एवं सुख दुःख में परमात्मा को स्मरण करने पर,

प्रकाश डालते हुए कहा कि, यह मनुष्य को ईश्वर के समीप पहुंचाते हैं। स्वामी ने कहा कि ज्ञान, भक्ति, वैराज्ञ रूपी त्रिवेणी में स्नान करने वाले भक्त, नाम धन का स्मरण रूपी जाप करते हुए युग- युग पर्यंत जीते हैं। तथा भक्ति रूपी धन को घट के भीतर ही रखते हैं ऐसा चिंतन बिरले संत व भक्त ही कर पाते हैं। उन्होंने बताया कि
महान संत दादूदयाल महाराज ने कहा है कि सांसारिक पुरुष बाहर की पूजा और अर्चना व दिखावे में बह जाते हैं

वे भजन बल भक्ति रूपी त्रिवेणी को अंतकरण में संचित नहीं कर सकते उन्होंने कहा कि सुख का साथी जगत सब, दुख का नहीं कोई। दुख का साथी सैयां दादू सतगुरु होई, स्वामी ने सरल भाषा में बताया कि सुख में तो सभी साथी बनते हैं पर दुःख में कोई पास नहीं आता,दुःख में तो भगवान को याद करना पड़ता है यदि मनुष्य सुख में ही भगवान को स्मरण करता रहे तो उसके पास दुःख कभी नहीं आएगा। सदैव ईश्वर का स्मरण करते रहना चाहिए। सत्संग कथा के
अवसर पर आश्रम प्रबंधक धर्मदास स्वामी ने बताया कि चातुर्मास कार्यक्रम के दौरान हर रोज श्री दादू वाणी एवं भक्त माल की विभिन्न परमार्थ और जन उपयोगी कथाएं एवं प्रवचन जारी रहेगी। आज के सत्संग में सैकड़ो नर, नारिया एवं श्रद्धालु भक्त उपस्थित थे।


Author: Aapno City News
