राजनीति सेवा है या ऐश्वर्य प्राप्ति का साधन
आलेख : मधुप्रकाश लड्ढा, राजसमंद। *आजादी के पहले तक सामाजिक सरोकार के साथ राजनीति को भी सेवा का पथ ही समझा जाता था। स्वतंत्रता प्राप्ति का जुनून जिसके सिर चढ़कर बोलता था, वो आडंबर हीन होकर राजनीतिक गतिविधियों में अपना सर्वस्व न्योछावर करता था। जिंदा रहता तो मिलती काल कोठरी और मृत्युपरांत गुमनामी या शहीदी … Read more