चौफ़ुली चूंदड़ी का पिछोड़ा एवं श्रीमस्तक पर छज्जेदार पाग पर गोल चंद्रिका के श्रृंगार
कृपा अवलोकन दान देरी महादान वृखभान दुल्हारी । तृषित लोचन चकोर मेरे तू व बदन इन्दु किरण पान देरी ॥१॥सबविध सुघर सुजान सुन्दर सुनहि बिनती कानदेरी ।गोविन्द प्रभु पिय चरण परस कहे जाचक को तू मानदेरी ॥२॥ साज – श्रीजी में आज चौफ़ुली चूंदड़ी की रुपहली ज़री के हांशिया (किनारी) से सुसज्जित पिछवाई धरायी जाती … Read more